In this post, we will share with you “Ghar Se Bahar Nikalne Ki Dua“. We will tell you the prayers given in Quran and Hadith which you can read while leaving the house.
इस्लाम में बोहोत सारी चीजे करने से पहले दुआ पढ़ना जरूरी बताया गया है। इसमें घर से बहार जाने की दुआ का जिक्र भी मिलता है। इस दुआ को हिजाफत की दुआ कहते है। हम इस आर्टिकल में देखेंगे की वो दुआ क्या है और उसे किस तरह पढ़ा जाता है।
जब आप इस दुआ को घर से निकलने से पहले पढ़ेंगे तो आपकी मुसीबते हल हो जाएँगी। जो भी इस दुआ को पढ़ेगा वो मुसीबतोसे महफूज रहेगा। इस दुआ को अरबिक भाषा में पढ़ना सबसे अच्छा है पर ज्यादातर लोगोंको अरबिक पढ़नी नहीं आती। ऐसे लोग हिंदी या इंग्लिश में भी इस दुआ को पढ़ सकते है। हमने तीनो भाषा में दुआ दी है ताकि किसीको कोई दिक्कत न हो।
Ghar Se Bahar Nikalne Ki Dua
हर रोज इंसान को किसी न किसी कारन से घर से बहार जाना पड़ता है जैसे की नमाज पढ़ने के लिए , बाजार से खुश खरीदने के लिए , कारोबार के सिलसिले में, किसी दोस्त को मिलने के लिए। जब आप घर से निकलते हो तो आपके साथ कुछ बुरा न हो इसलिए आपको दुआ को पढ़ना चाहिए। अगर आप सफर के लिए निकल रहे हैं तो आपको Safar ki Dua को भी पढ़ना चाहिए . इससे आपका सफर बोहोत बढ़िया होगा .
بِسْمِ اللَّهِ تَوَكَّلْتُ عَلَى اللَّهِ لاَ حَوْلَ وَلاَ قُوَّةَ إِلاَّ بِاللَّهِ
Bismil-lah, tawakkaltu AAalal-lah,
wala hawla wala quwwata illa billah
Allah ke naam ke sath (ghar se nikalta hu) aur Allah hi par maine bharosa kiya. Gunaho se bachne ki taqat aur neki karne ki quwwat sirf Allah hi ki taraf se hai
बिस्मिल्लाहि तवक्कल्तु अलल्लाह, ला हव्ला व ला कुव्वता इल्ला बिल्लाह
अल्लाह के नाम के साथ (घर से निकल्ता हु) और अल्लाह हि पर मैने भरोसा किया । गुनाहो से बच्ने कि ताकत और नेकी करने कि कुव्वत सिर्फ अल्लाह हि कि तरफ से है
जब भी आप घर से निकलना साहहते है तब आप ऊपर दी गयी दुआ को पढ़े। आप किसी भी भाषा का इस्तेमाल कर सकते है। हमने इस दुआ को अरबिक और हिंदी में लिखा है साथ में उसका तर्जुमा भी लिखा है। इस दुआ को पढ़ना सुन्नत पर अमल करना है। इस दुआ को पढ़ने से आपको शैतान और बुराई से सुरक्षा मिलेगी। इससे आपको इस दुनिया में और आख़िरत में फायदा मिलेगा। अब हम देखेंगे के हदीस में इसका जिक्र कहा पर मिलता है।
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۞ Hadees: अनस बिन मालिक (र ) से रिवायत है की , रसूल’अल्लाह (ﷺ) ने इरशाद फ़रमाया
“जब आदमी अपने घर से निकले तोह ये दुआ पढ़े: ❝बिस्मिल्लाही तवक्कलतु अलल्लाही ला हौले व ला क़ुव्वते इल्ला बिल्लाह❞ (अल्लाह के नाम के साथ (घर से निकलता हु ) और अल्लाह ही पर मैंने भरोसा किया गुनाहो से बचने और नेकी करने की ताक़त सिर्फ अल्लाह ही की तरफ से है )
तो उसे (अल्लाह की तरफ से ) कहा जाता है की तुझे हिदायत दी गयी, तेरी किफ़ायत की गयी और तेरी हिफाज़त की गयी और शैतान उस से दूर हो जाता है। और दूसरा शैतान उससे कहता है की उस आदमी के साथ तेरा क्या हाल हो सकता है जिसे हिदायत दी गयी हो , जिस की किफ़ायत की गयी हो और जिसकी हिफाज़त की गयी हो।